KRISHI
ICAR RESEARCH DATA REPOSITORY FOR KNOWLEDGE MANAGEMENT
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http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/57350
Full metadata record
DC Field | Value | Language |
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dc.contributor.author | Surendra Poonia | en_US |
dc.contributor.author | Priyabrata Santra | en_US |
dc.contributor.author | Nand Kishore Jat | en_US |
dc.contributor.author | Dilip Jain | en_US |
dc.contributor.author | Hari Mohan Meena | en_US |
dc.date.accessioned | 2021-08-16T11:04:10Z | - |
dc.date.available | 2021-08-16T11:04:10Z | - |
dc.date.issued | 2021-04-30 | - |
dc.identifier.citation | Not Available | en_US |
dc.identifier.issn | Not Available | - |
dc.identifier.uri | http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/57350 | - |
dc.description | Not Available | en_US |
dc.description.abstract | भारत के शुष्क क्षेत्रों अर्थात राजस्थान में लगभग 300 दिन आकाश साफ रहने से सौर विकिरण प्रचुरता में उपलब्ध है। समतल सतह पर औसत विकिरण शुष्क राजस्थान में 5-6 किलो वाट घंटा मी-2 प्रतिदिन तथा जोधपुर में 6.0 किलो वाट घंटा मी-2 प्रतिदिन है। इन क्षमताओं को देखते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय सौर मिषन के तहत 2021-22 का 1,00,000 मेगावाट (100 गीगावाट) सौर फोटो वोल्टाइक (पीवी.) आधारित बिजली उत्पादन क्षमता प्राप्त करने व 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। इसी तरह राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी काॅर्पोरेषन लिमिटेड ने सन् 2022 तक राजस्थान में 25,000 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कृषि-वोल्टीय प्रणाली जो कि फोटोवोल्टिक तथा फसल उत्पादन का एकीकृत रूप है, उक्त लक्ष्यों को हासिल करने की क्षमता रखता है। खाद्य उत्पादन तथा ऊर्जा निर्माण को कृषि वोल्टीय प्रणाली के द्वारा समेकित करने का विचार हाल के दिनों में पनपा यह देखने पर की भूमि संसाधनों व ऊर्जा विशेषकर बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। सौर फोटोवोल्टिक उत्पादन जमीन आधारित उपक्रम है तथा प्रति मेगावाट उत्पादन के लिए लगभग दो हेक्टेयर जमीन की जरूरत है और फसल उत्पादन के लिए भी ऐसा ही है। इसी को ध्यान में रखते हुए भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर में 105 किलोवाट क्षमता की कृषि वोल्टीय प्रणाली की स्थापना की गयी। | en_US |
dc.description.sponsorship | Not Available | en_US |
dc.language.iso | English | en_US |
dc.publisher | Agriculture University Jodhpur, Jodhpur, Rajasthan | en_US |
dc.relation.ispartofseries | Not Available; | - |
dc.subject | Agri-voltaic system | en_US |
dc.subject | Electricity generation | en_US |
dc.subject | Photosynthetic active radiation | en_US |
dc.subject | Rainwater harvesting | en_US |
dc.title | कृषि-वोल्टीय प्रणाली (सौर खेती): राजस्थान के शुष्क क्षेत्र के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक वरदान | en_US |
dc.title.alternative | Not Available | en_US |
dc.type | Article | en_US |
dc.publication.projectcode | Not Available | en_US |
dc.publication.journalname | Marudhara Krishi | en_US |
dc.publication.volumeno | 2(2) | en_US |
dc.publication.pagenumber | 1-7 | en_US |
dc.publication.divisionUnit | Division of Agricultural Engineering and Renewable Energy | en_US |
dc.publication.sourceUrl | Not Available | en_US |
dc.publication.authorAffiliation | ICAR::Central Arid Zone Research Institute | en_US |
dc.ICARdataUseLicence | http://krishi.icar.gov.in/PDF/ICAR_Data_Use_Licence.pdf | en_US |
dc.publication.journaltype | Popular article | en_US |
Appears in Collections: | NRM-CAZRI-Publication |
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File | Description | Size | Format | |
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