KRISHI
ICAR RESEARCH DATA REPOSITORY FOR KNOWLEDGE MANAGEMENT
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http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/74425
Title: | नेट केज में और अंजनन एवम रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम में लार्वा सवर्धन: पर्लस्पॉट एट्रोप्लस सुरंतेसिस के लिए नवोनमेशी बीज उत्पादन तकनिक (Egg reproduction in net cage and larval culture in recirculatory aquaculture system:Innovative Seed Production Technology for Pearlspot Etroplus surentesis) |
Other Titles: | Not Available |
Authors: | Tanveer Hussain PK. Patil Jose Antony P. Mahalakshmi M. Kailasam Suvana Sukumaran K. Vinaya Kumar KP. Jithendran |
ICAR Data Use Licennce: | http://krishi.icar.gov.in/PDF/ICAR_Data_Use_Licence.pdf |
Author's Affiliated institute: | ICAR::Central Institute of Brackishwater Aquaculture |
Published/ Complete Date: | 2021-09-07 |
Project Code: | Not Available |
Keywords: | अभिनव (Innovative) बीज उत्पादन (Seed Production) पर्लस्पॉट एट्रोप्लस सुरेन्टेसिस( Pearlspot Etroplus surentesis) |
Publisher: | Not Available |
Citation: | Not Available |
Series/Report no.: | Not Available; |
Abstract/Description: | " पर्लस्पॉट, इट्रोप्लस सुराटेंसिस, जिसे आमतौर पर ग्रीन क्रोमाइड के रूप में भी जाना जाता है और यह भारत के पश्चिमी तट में एक लोकप्रिय खारे पानी की खाद्य मछली है। इसकी भारी मांग और दक्षिण पश्चिम तट में बैकवाटर से पकड़ी गई इस मछली के विशिष्ट स्वाद के कारण, भारतीय राज्य केरल ने सम्पदा को संरक्षित करने और जलीय कृषि उत्पादन को बढ़ाने के एकमात्र उद्देश्य के साथ पर्लस्पॉट को राज्य मछली के रूप में मान्यता दी है। पर्लस्पॉट देश भर के बाजारों में ₹ 250 से 500 की दर से बिकती है और यह आला बाजारों में और भी अधिक कीमतों पर बिकती है। हाल ही में, यह मछली भी एक सजावटी मछली के रूप में मछली के शौकीनों के बीच लोकप्रिय होने लगी है। एक सर्वभक्षी मछली होने के नाते, इसका पालन तालाब, पेन और पिंजरों जैसी विभिन्न पालन प्रणालियों के लिए किफायती और अत्यधिक अनुकूलनीय माना जाता है। पर्लस्पॉट खेती के विस्तार को सीमित करने वाली एक प्रमुख अवरोध, विभिन्न ग्रोआउट प्रणालियों में संग्रहण के लिए गुणवत्ता वाले बीज की अपर्याप्त उपलब्धता है। हालांकि, कई अध्ययनों से मिट्टी के तालाबों, सीमेंट टैंकों और रेसवे में पर्लस्पॉट के प्रजनन और बीज उत्पादन का पता चलता है, परन्तु प्रजाति के लिए बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन तकनीक जोड़ी गठन, पैतृक देखभाल और अन्य कारकों जैसे मुद्दों के कारण चुनौतीपूर्ण कार्य है। इन मुद्दों को दूर करने और बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन हेतु मार्ग प्रशस्त करने के लिए, सीबा के नवसारी, गुजरात रिसर्च सेंटर ने मटवाड़ में अपने शोध फार्म में एक रिसर्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम आधारित हैचरी में पर्लस्पॉट के व्यापक अंडजनन और बाद में लार्वा पालन के लिए पिंजरा आधारित तकनीक विकसित किया है।" |
Description: | Not Available |
ISSN: | Not Available |
Type(s) of content: | Article |
Sponsors: | Not Available |
Language: | Hindi |
Name of Journal: | जल तरंग (JalTarang) |
Volume No.: | Not Available |
Page Number: | 7.53-7.56 |
Name of the Division/Regional Station: | Not Available |
Source, DOI or any other URL: | Not Available |
URI: | http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/74425 |
Appears in Collections: | FS-CIBA-Publication |
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