KRISHI
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http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/28190
Title: | संपोषित ठोस अपशिष्ट प्रबंधनः उर्जा एवं मृदा उर्वरता हेतु एक विकल्प |
Other Titles: | Not Available |
Authors: | विवेक कुमार ओझा, अजय कुमार मिश्र, जोगेन्द्र सिंह, विजयता सिंह, मुरलीधर मीणा, शारिक अली |
ICAR Data Use Licennce: | http://krishi.icar.gov.in/PDF/ICAR_Data_Use_Licence.pdf |
Author's Affiliated institute: | केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, करनाल (हरियाणा) क्षेत्रीय प्रयोगशाला, राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, कोलकाता (प. बंगाल) |
Published/ Complete Date: | 2013-01-01 |
Project Code: | Not Available |
Keywords: | अपशिष्ट प्रबंधन, उर्जा एवं मृदा उर्वरताए नगरपालिका ठोस अपशिष्ट |
Publisher: | निदेशक, केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, करनाल-132 001, भारत |
Citation: | विवेक कुमार ओझा, अजय कुमार मिश्र, जोगेन्द्र सिंह, विजयता सिंह, मुरलीधर मीणा एवं शारिक अली. 2013. संपोषित ठोस अपशिष्ट प्रबंधनः उर्जा एवं मृदा उर्वरता हेतु एक विकल्प। कृषि किरण 6ः 42-45। |
Series/Report no.: | Not Available; |
Abstract/Description: | विगत कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ते औद्योगिकीकरण, जनसंख्या और आर्थिक विकास भारत जैसे विकासशील देशों पर बढ़ती उर्जा की माँग के दबाव के साथ संपूर्ण पर्यावरण को संरक्षित रखने की चुनौती देते नजर आ रहे हैं। शहरीकरण, लोगांे के रहन-सहन में बदलाव और सर्वोन्मुखी विकास के कारण उत्पन्न ठोस अपशिष्ट पदार्थ एंव उनका प्रबंधन बडे़ पैमाने पर एक समस्या के रूप में पिछले दो दशकों में सामने आया है। मानवजनित स्रोतों में दिनचर्या का कूड़ा, प्लास्टिक और बेकार पड़ी वस्तुओं के अलावा व्यावसायिक स्रोत भी एक अहम भूमिका निभाते हंै जबकि प्राकृतिक स्रोत से उत्पन्न अपशिष्ट बहुत ही कम बिखरा हुआ नजर आता है। इन अपशिष्ट पदार्थांे से मानव जाति को ही नहीं बल्कि संपूर्ण पर्यावरण को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इनसे निकलने वाले हानिकारक रासायनिक पदार्थों के साथ इनमें जैविक रोगाणु भी होते हैं जो कई बीमारियों के कारक होते हैं। नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (म्यूनिसिपल सोलिड वेस्ट) का पुनश्ःचक्रण करके कृषि भूमि में कार्बनिक पदार्थ के रूप में प्रयोग जैविक खाद का एक विकल्प हो सकता है। परंपरागत उर्जा स्रोतों का तेजी से हो रहा दोहन और पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता लगातार वैकल्पिक उर्जा स्रोत ज्ञात करने का दबाव बना रही है जिसमें अपशिष्ट पदार्थ के सड़ने से निकली उर्जा का कारगर संचय एवं उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए। |
Description: | Not Available |
ISSN: | Not Available |
Type(s) of content: | Article |
Sponsors: | Not Available |
Language: | Hindi |
Name of Journal: | कृषि किरण |
Volume No.: | 6 |
Page Number: | 42-45 |
Name of the Division/Regional Station: | Not Available |
Source, DOI or any other URL: | Not Available |
URI: | http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/28190 |
Appears in Collections: | NRM-CSSRI-Publication |
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