झींगा पालन प्रणालियों में प्रोबायोटिक्स (Application of probiotics in shrimp culture)
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Title |
झींगा पालन प्रणालियों में प्रोबायोटिक्स (Application of probiotics in shrimp culture)
Not Available |
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Creator |
एच.जी.सोलंकी*,
एम. मुरलीधर प्रेम कुमार, आर.वी.ओरीचांगर जे.जी.वांजा के.जे. पटेल एम. कैलासम पी. महालक्ष्मी सी.गोपाल के.के. विजयन |
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Subject |
झींगा
पालन प्रणालियों प्रोबायोटिक्स |
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Description |
Not Available
भारत में झींगा पालन प्रथाओं में गहनता के कारण उद्योग और वैज्ञानिक समुदाय द्वारा परिकल्पित भी नहीं की ऐसी कई समस्याओं को प्रेरित किया है। अधिक लाभ हासिल करने के प्रयास में किसानों को उनकी रचना और उपयोग करने की विधि के पीछे मूल अवधारणाओं को समझे बिना विभिन्न रसायनों और जैविक उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं | प्रोबायोटिक उत्पादों में से एक ऐसा समूह हैं जिसका अक्सर दुरुपयोग होता हैं। “प्रोबायोटिक" शब्द का मतलब “एक मोनो या लाइव सूक्ष्मजीवों का मिश्रिण जो जानवर या इंसान को लागू कर स्वदेशी माइक्रोफ्लोरा के गुणों में सुधार के द्वारा मेजबान को प्रभावित करके लाभदायक हो। 'भारत में झींगा पालन के संचालन के गहनता, वाणिज्यिक प्रोबायोटिक्स उत्पादों की लागत 15 रुपये/कि.ग्रा. झींगा उत्पादन तक चला जाता है। इन प्रोबायोटिक्स पर जानकारी की कमी के कारण, भारतीय जलीय कृषि बाजार में प्रोबायोटिक्स उत्पादों पर वैज्ञानिक दृष्टि से मूल्यांकन नहीं किया गया है, Not Available |
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Date |
2022-11-18T04:22:18Z
2022-11-18T04:22:18Z 2015-09-01 |
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Type |
Article
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Identifier |
Not Available
Not Available http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/75152 |
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Language |
Hindi
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Relation |
Not Available;
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Publisher |
Not Available
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