KRISHI
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http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/73650
Title: | सूक्ष्म जीव: खेती के लिए बहुमूल्य सम्पदा |
Other Titles: | Not Available |
Authors: | विजया रानी एवं प्रियंका खाती |
ICAR Data Use Licennce: | http://krishi.icar.gov.in/PDF/ICAR_Data_Use_Licence.pdf |
Author's Affiliated institute: | ICAR::Indian Institute of Vegetable Research |
Published/ Complete Date: | 2021-01-01 |
Project Code: | Not Available |
Keywords: | सूक्ष्म जीव |
Publisher: | Not Available |
Citation: | Not Available |
Series/Report no.: | Not Available; |
Abstract/Description: | मृदा में पौधों के साथ ही साथ सूक्ष्मजीवों का भी एक व्यापक समाज फलता-फ ूलता रहता ह ै जिस े “माइक्रोबियल कम्युनिटी” के रूप में जाना जाता है। संरचनात्मक रूप से सूक्ष्मजीवियों का यह समाज सम्पूर्ण धरती और पर्यावरण के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि जल, वायु, सूर्य का प्रकाश और मिट्टी के विभिन्न अवयव हैं। धरती के उद्भव से ही इन असंख्य और विविध जीवों के जीवन की यात्रा अपने आप में बेहद रोचक है। हमारे वातावरण एवं मिट्टी में पाये जाने वाले कुछ जीव अति सूक्ष्मदर्शी होते है जिन्हें सूक्ष्म जीव कहते हैं। जीवाणु, कवक एवं विषाणु सूक्ष्म जीवों के ही प्रकार है। इन सूक्ष्म जीवांे का आकार एक सेंमी. से भी दस हजार गुना छोटा होता है। यह सूक्ष्म जीव मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बहुत आवश्यक है। मिट्टी के पोषण चक्र कों पूरा करने में इन सूक्ष्म जीवों की भूमिका अत्यन्त महत्तवपूर्ण है। पोषण चक्र मिट्टी को स्वस्थ रखता है, जिससे मृदा की फसल उत्पादन क्षमता काफी बढ़ जाती है। फसली पौधों को अपने एक फसल चक्र में अनेक प्रकार के सूक्ष्म जीवों का सानिध्य प्राप्त होता है जो उनके लिए अत्यन्त लाभदायक है। इसी जीवन चक्र को पूर्ण करके पौधे अपने द्वारा उत्पन्न किये गए फलों एवं अनाज के माध्यम से मनुष्यों एवं अन्य निर्भर जीवों का भरण पोषण करते हैं। स्वस्थ मृदा सतत् कृषि के लिए आवश्यक होती है। बढ़ती जनसंख्या के इस दौर में सभी मानवांे के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्य सुरक्षा होना एक बहुत बड़ी चुनौती है। इस चुनौती का निस्तारण खाद्य उत्पादकता बढ़ाकर कर सकते हैं। आज के समय में खाद्य उत्पादकता बढ़ाने के लिए पर्यावरण अनुरूप तकनीकों की माँग देश -विदेश में बहुत ज्यादा है। भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ अनन्य पंरपरागत कृषि पद्वतियाँ पहले से मौजूद हैं, जिन्हे बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इस बदलते पर्यावरण में यह सूक्ष्म जीव इन पद्वतियों को बढ़ाने के अवसर प्रदान करते हैं। |
Description: | Not Available |
ISSN: | Not Available |
Type(s) of content: | Magazine |
Sponsors: | Not Available |
Language: | Hindi |
Name of Journal: | सब्जी किरण |
Volume No.: | 15(1) |
Page Number: | 69-71 |
Name of the Division/Regional Station: | Not Available |
Source, DOI or any other URL: | Not Available |
URI: | http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/73650 |
Appears in Collections: | HS-IIVR-Publication |
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