गिरीपुष्पा। (ग्ले रिसीडीया) : बारानी क्षेत्रों की मृदाओं के लिए वरदान वृक्ष
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Title |
गिरीपुष्पा। (ग्ले रिसीडीया) : बारानी क्षेत्रों की मृदाओं के लिए वरदान वृक्ष
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Creator |
के.एल. शर्मा*, ए.के. इन्दोृरिया, के. सम्मीा रेड्डी, एस.के. यादव एवं मुन्ना लाल
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Subject |
गिरीपुष्पा, बारानी क्षेत्रों की मृदा
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Description |
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एक अनुमान के अनुसार भारत में बारानी क्षेत्रों का क्षेत्रफल करीब 80 मिलियन हेक्टेायर है। ये बारानी क्षेत्र मुख्यभत: शुष्कक, अर्ध-शुष्कन एवं उप आर्द्र जलवायु क्षेत्रों में पाए जाते हैं। ज्या दातर बारानी क्षेत्रों की मृदाएं एक या अनेक प्रकार के मृदा गुणों के विकृतिकरण की समस्यायओं से ग्रसित है। इन मृदा गुणों की विकृतिकरण की समस्या ओं में मुख्यात: कम जैविक कार्बन अंश का होना, कमजोर मृदा संरचना, मृदा सतह पर पपड़ी बनना, मृदा घनत्वनता की अधिकता, असंतुलित मृदा जल परिचालकता एवं ग्रहणता, मृदा सतह द्वारा जल प्रवेश में कमी और नैसर्गिक रूप से फसल पोषक तत्वोंग की कमी होना इत्यापदि है। उपरोक्तर मृदा गुणों में विकृतिकरण की समस्य ओं की वजह से इन क्षेत्रों के किसानों की फसलोत्पा दकता एवं आय में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है। Not Available |
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Date |
2019-08-23T09:03:03Z
2019-08-23T09:03:03Z 2018-10-01 |
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Type |
Article
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Identifier |
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Not Available http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/22383 |
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Language |
Hindi
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Relation |
Not Available;
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Publisher |
ICAR-CSSRI :Central Soil Salinity Research Institute
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