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सुदूर संवेदन तकनीक (Remote Sensing) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) का मृदा सर्वेक्षण में महत्व

KRISHI: Publication and Data Inventory Repository

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Title सुदूर संवेदन तकनीक (Remote Sensing) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) का मृदा सर्वेक्षण में महत्व
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Creator 2. विकास1, राजेश कुमार मीणा1, जया निरांजने सूर्या1, राम किशोर फगोड़िया2, आर॰ पी॰ यादव1
 
Subject सुदूर संवेदन तकनीक (Remote Sensing) तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) का मृदा सर्वेक्षण में महत्व
 
Description Not Available
वस्तुतः सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) का अर्थ किसी वस्तु, क्षेत्र या दृश्य के साथ सीधे संपर्क में आये बिना उस के विषय में जानकारी प्राप्त करना है। अगर हम सुदूर संवेदन के इस अर्थ के साथ जायें तो बहुत सी वस्तुएं सुदूर सेंसर के अंतर्गत आ जाएंगी, जैसे:- भूकंप तीव्रता मापक (सीसमोग्राफ), गहराई मापक यन्त्र (फैदोमीटर) आदि। सीसमोग्राफ से भूकंप की तीव्रता को भूकंप के साथ सीधे संपर्क में आये बिना माप सकते हैं। इसी तरह समुद्र तल के साथ संपर्क में आये बिना फैदोमीटर से इसकी गहराई पता कर सकते हैं। लेकिन, आधुनिक सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) का अर्थ परिलक्षित या उत्सर्जित विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा का उपयोग कर पृथ्वी और पानी की सतहों की जानकारी प्राप्त करना है।
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Date 2021-07-28T10:41:16Z
2021-07-28T10:41:16Z
2017-01-01
 
Type Article
 
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http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/50795
 
Language Hindi
 
Relation Not Available;
 
Publisher Not Available