पोषक तत्व समृद्ध एवं औषधीय महत्व की फसल कैक्टस पियर
KRISHI: Publication and Data Inventory Repository
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Title |
पोषक तत्व समृद्ध एवं औषधीय महत्व की फसल कैक्टस पियर
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Creator |
कमलेश कुमार, धुरेन्द्र सिंह एवं मुकेश कुमार बेरवाल
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Subject |
Cactus, nutritional, medicinal importance
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Description |
Popular article
टिकाऊ फसल उत्पादन के लिए जलवायु परिवर्तन एक बड़ी चुनौती बन गया है। भारतीय गर्म शुष्क क्षेत्र में लंबे समय से सूखा और मरुस्थलीकरण सामने आ रही समस्याओं में से एक है, जहां ग्रामीण गरीब और लघु जोत धारक सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यदि लोग इन कठोर परिस्थितियों में जीवित रहना चाहते हैं, तो उनकी फसल सूखा, उच्च तापमान और खराब मिट्टी का सामना करने वाली होनी चाहिए। कैक्टस की फसलें दुनिया भर में तेजी से सरोकार प्राप्त कर रही हैं, विशेष रूप से कैक्टस पियर (ओपेंसिया फाइकस-इंडिका) में, इसकी अनूठी विशेषताओं के कारण जो कठोर पारिस्थितिकी स्थितियों के लिए लचीलापन प्रदान करती हैं। कैक्टस पियर के फल और क्लेडोड को क्रमशः तूना एवं नोपल के नाम से जाना जाता है। पौधे (1) उनके चपटे तने (2) खाने योग्य नोपल और फल (3) बारीक रोयेदार काटें जो आसानी से अलग हो जाते हैं (4) नए नोपल पर अल्पविकसित पत्तियां और (5) एक फीके कवर के साथ बीज के रूप में जाने जाते हैI । नोपल कैक्टस में उच्च म्यूसिलेज (लसदार पदार्थ) के कारण प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में भी नमी को को बनाए रखने की क्षमता होती है। कैक्टस पियर ऐसी भूमि पर उत्पादन देने में सक्षम है, जहां कोई अन्य फसल उगने में सक्षम नहीं हैं; इसका उपयोग बेकार पड़ी भूमि को पुनर्स्थापित करने के लिए किया जा सकता है। कैक्टस पियर में क्रेसूलेसियन अम्ल उपापचय पाया जाता है, जिसे सीएएम प्रकाश संश्लेषण भी कहा जाता है, यह एक कार्बन स्थिरीकरण प्रक्रिया है, जो कुछ पौधों में शुष्क स्थितियों के अनुकूलन के रूप में विकसित हुई है। सी.ए.एम. चक्र में रात को CO2 मैलिक अम्ल में स्थिरीकृत हो जाती है, जब कम बाष्पीकरणीय मांग होती है और पर्ण रंध्र खुले होते हैं। दिन के दौरान, पर्ण रंध्र बंद हो जाते है और संग्रहीत मैलिक अम्ल डिकार्बोक्सिलेट होकर वापस CO2 में रूपांतरित हो जाती है, जिसका उपयोग प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से कार्बोहाइड्रेट उत्पादन के लिए किया जाता है। क्रेसूलेसियन अम्ल उपापचय होने के कारण नोपल में उच्च मैलिक अम्ल पाया जाता है।ओपेंसिया मरुस्थलीकरण का मुकाबला करने के साथ ही मानव उपभोग, पशुधन के लिए चारा, ऊर्जा प्रयोजनों के लिए जैव ईंधन, कार्मिन (लाल रंग) उत्पादन के लिए कोचिनियल और कई उप-उत्पादों (पेय पदार्थ, शाकाहारी पनीर, दवाएं और सौंदर्य प्रसाधन ) में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वे शुष्क वातावरण में विभिन्न वन्यजीव प्रजातियों के लिए शरण और भोजन प्रदान करते हैं। Not Available |
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Date |
2019-04-02T11:38:30Z
2019-04-02T11:38:30Z 2018-10-01 |
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Type |
Article
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Identifier |
Not Available
Not Available http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/17917 |
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Language |
Hindi
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Relation |
11;
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Publisher |
ICAR-CIAH, Bikaner
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