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बागवानी अपशिस्ट का मूल्यवर्धन द्वारा उपयोग

KRISHI: Publication and Data Inventory Repository

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Title बागवानी अपशिस्ट का मूल्यवर्धन द्वारा उपयोग
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Creator डॉ. अनिता मीणा, डॉ. बी.डी. शमाध, व राम्याश्री डी.जी.एस
 
Subject Horticulture waste, value addition and uses
 
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भारत ने 11 वीं पंिवर्ीय योजना के दौरान क्षेत्र र्वस्तार, उत्पादकता और
उत्पादन में अभ
तपवषूू
वद्थधृ
के साथ स्वखणमष क्रांतत के य
गु
की ि

रुआत की हैं। भारत
ने 20.88 शमशलयन हेक्टेयर भूशम से 223.09 शमशलयन टन बागवानी उत्पादन ककया
हैं। इसमें योगदान देने वाली प्रमुख फसलें फल और सश्ब्जयां (लगभग 14.41 शमशलयन
हेक्टेयर क्षेत्र से 204 शमशलयन टन) हैं। भारत के कृ र्र् जी.डी.पी. 30 प्रततित में से
8.5 प्रततित बागवानी फसली क्षेत्र का योगदान हैं। वैज्ञातनकों द्वारा बागवानी फसलों
की उत्पादकता में कई गुना वद्ृ थध तनरंतर अनुसंधान प्रयासों और ककसानों द्वारा अपनाने
के पररणामस्वरूप ह

ई है। बागवानी फसलों का क्षत्रे और उत्पादकता में वद्ृ थध के साथ,
फसल अविेर् और कटाई के बाद के अपशिष्ट में भी आनुपाततक रूप से वद्ृ थध हुई हैं।
यद्यर्प खेतों की फसलों के शलए फसल अविेर्ों, किरे और इसके उपयोग के शलए
प्रौद्योथगककयों की जानकारी उपलब्ध है, लेककन ऐसी जानकारी अथधकांि बागवानी
फसलों के शलए लगभग ि
न्द्यू
है।
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Date 2020-05-15T06:15:26Z
2020-05-15T06:15:26Z
2020-02-01
 
Type Article
 
Identifier Not Available
Not Available
http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/35650
 
Language Hindi
 
Relation Not Available;
 
Publisher Not Available