पौधशाला के लिए मृदा परीक्षण एक आवश्यक कदम
KRISHI: Publication and Data Inventory Repository
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Title |
पौधशाला के लिए मृदा परीक्षण एक आवश्यक कदम
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Creator |
अनिता मीणा एवं विजय राकेश रेड्डी
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Subject |
पौधशाला, मृदा परीक्षण
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Description |
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भूमि की उर्वरता किसी भी राष्ट्र के लिए बहुत महत्व रखती है किसी भी देश की सभ्यता का अंदाजा वहां के भूमि के सदुपयोग या दुरूपयोग से लगाया जा सकता है। आज के युग में जब कृषि भी एक व्यापार बन गया है, मृदा उर्वरता का महत्व और अधिक बढ जाता है। मूल्यवान उर्वरकों एवं जैविक खादों के संरक्षित तथा उचित उपयोग का मार्ग भी मृदा परीक्षण के ज्ञान से ही संभव है। मृदा एक जीवंत निकाय है। जिसके परिभाषित जैविक, रासायनिक और भौतिक गुणधर्म होते है। इनमे से किसी भी एक गुणधर्म में परिवर्तन अथवा बदलाब मृदा के मूलभूत स्वरुप में, उसके स्वभाव में उल्लेखनीय परिवर्तन कर देते है। फलतः मृदा की उर्वरता में खासी कमी देखने को मिलती है। इस प्रकार परिस्थितयों की वजह से उत्पन्न मृदा को अस्वस्थ मृदा में रखा जा सकता है। कृषको द्वारा कृत्रिम रूप से संश्लेषित रासायनिक उर्वरकों को जैविक खादों पर प्रधानता देने से मृदा में उपस्थिति लाभदायक सूक्ष्म जीवानुओ की संख्या भारी कमी भी अस्वस्थ मृदा का प्रमुख कारण है। देश की कृषि योग्य भूमि लगातार कम होने के साथ- साथ इसकी उर्वरा शक्ति भी कम होती जा रही है, तथा देश की बढती हुई जनसंखया के साथ खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना तथा कम लागत में अधिकतम उत्पादन कर किसानो की आमदनी बढाकर देश को प्रगतिशील बनाना कृषि वैज्ञानिको का लक्ष्य हैं। Not Available |
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Date |
2020-05-15T06:14:53Z
2020-05-15T06:14:53Z 2020-02-01 |
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Type |
Article
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Identifier |
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Not Available http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/35648 |
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Language |
Hindi
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Relation |
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Publisher |
Not Available
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