भारत में समुद्री संवर्धन
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Relation |
http://eprints.cmfri.org.in/15759/
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Title |
भारत में समुद्री संवर्धन
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Creator |
Imelda, Joseph
Gopalakrishnan, A Bharti, Vivekanand Uma, E K |
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Subject |
Hindi Publications
Mariculture |
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Description |
भारत में समुद्री संवर्धन तेज़ी से समुद्री खाद्य का महत् वपूर्ण उत्पा दक बन जाएगा, साथ ही देश में लाखों मछु आरों सहित कई लोगों के लि ए रोज़गार और आय का स्रोत बन जाएगा। सुनियोजि त और प्रबंधित समुद्री संवर्धन तटीय पर्या वरण एकता में सकारात् मक योगदान दे सकता है, जि ससे देश की नीली क्रांति में प्रमुख वि कास हो सकता है। समुद्री खाद्य की कु ल मात्रा (मीठा पानी की प्रजाति यों और जलीय पौधों सहित) प्रति वर्ष लगभग 140 मिलि यन मेट्रि क टन है। कु ल मात्रा का 20 प्रति शत मुख् यतः समुद्री शैवालों का योगदान है और समुद्री मछलि यों की मात्रा के वल 2 प्रति शत है। अतः समुद्री संवर्धन भवि ष् य में मछली पालन की अपार संभावनाएं होने वाला क्षेत्र है और इस तरह भारत में समुद्री खाद्य उत्पा दन में योगदान देता है। देश को स्वा वलंबन से गुणतायुक् त खाद्य पदार्थों के साथ वैश्विक बाज़ार में प्रति स् पर्धा का मुकाबला करने के लि ए यह क्षेत्र ‘’आत् निर्भर भारत अभियान’’ में भी महत् वपूर्ण योगदान दे सकता है। |
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Publisher |
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान
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Date |
2022
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Type |
Book
PeerReviewed |
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Format |
text
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Language |
en
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Identifier |
http://eprints.cmfri.org.in/15759/1/Bharath%20mein%20Samudri%20Samvardhan_2022_Uma%20E%20K.pdf
Imelda, Joseph and Gopalakrishnan, A and Bharti, Vivekanand and Uma, E K (2022) भारत में समुद्री संवर्धन. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, Kochi. ISBN 978-93-82263-55-5 |
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