काली सिपाही मक्खी (हर्मेटिया इल्यूसेन्स) (Hermetia illucens) के डिंभक की उपयोगिता जलीय आहार में एक स्थायी घटक के रूप में और इसके द्वारा जलीय संवर्धन में जैविक कचरे का समुचित प्रबंधन
CMFRI Repository
View Archive InfoField | Value | |
Relation |
http://eprints.cmfri.org.in/15963/
http://eprints.cmfri.org.in/15953/ |
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Title |
काली सिपाही मक्खी (हर्मेटिया इल्यूसेन्स) (Hermetia illucens) के डिंभक की उपयोगिता जलीय आहार में एक स्थायी घटक के रूप में और इसके द्वारा जलीय संवर्धन में जैविक कचरे का समुचित प्रबंधन
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Creator |
Ebeneezar, Sanal
Vijayagopal, P Linga Prabu, D Sayooj, P Bharti, Vivekanand Vipinkumar, V P |
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Subject |
Feed
Fish Nutrition |
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Description |
काली सिपाही मक्खियाँ ततैया जैसा दिखने वाला एक कीट है, जिनकी लंबाई लगभग 2 से.मी. और जीवन चक्र लगभग 45 दिनों का होता है। ये आम तौर पर पायी जानेवाली मक्खियों के विपरीत न तो रोगजनक और न ही रोग वाहक होती हैं। इसके अलावा ये मनुष्यों के लिए भी किसी प्रकार से नुकसानदायक नहीं होती हैं। इनके डिंभक हमेशा भुक्खड़ रहते हैं। अतः इन्हें निम्नलिखित विशेषताओं के कारण जैविक रूपान्तरण तथा जैविक कचरे को लाभप्रद पद्धार्थों में परिवर्तन के लिए एक उत्कृष्ट साधन के रूप में पसंद किया जाता है: |
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Publisher |
ICAR-Central Marine Fisheries Research Institute
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Date |
2021
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Type |
Article
PeerReviewed |
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Format |
text
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Language |
en
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Identifier |
http://eprints.cmfri.org.in/15963/1/Matsyagandha_9_Sanal%20Ebeneezar_2021.pdf
Ebeneezar, Sanal and Vijayagopal, P and Linga Prabu, D and Sayooj, P and Bharti, Vivekanand and Vipinkumar, V P (2021) काली सिपाही मक्खी (हर्मेटिया इल्यूसेन्स) (Hermetia illucens) के डिंभक की उपयोगिता जलीय आहार में एक स्थायी घटक के रूप में और इसके द्वारा जलीय संवर्धन में जैविक कचरे का समुचित प्रबंधन. मत्स्यगंधा : भा कृ अनु प - केंद्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान की अर्थ वार्षिक राजभाषा गृह पत्रिका Matsyagandha, 9. pp. 14-16. |
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