वर्तमान युग में जैविक फल और सब्जियाँ प्राप्त करने में गृह-वाटिका की उपयोगिता
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Title |
वर्तमान युग में जैविक फल और सब्जियाँ प्राप्त करने में गृह-वाटिका की उपयोगिता
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Creator |
प्रेम कटारिया, कमलेश कुमार, रमनदीप कौर, आनंद साहिल एवं अनिता मीणा
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Subject |
जैविक फल और सब्जियाँ, गृह-वाटिका, महत्व एवं उपयोगिता
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Description |
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गृह वाटिका बगीचे का एक छोटा सा क्षेत्र जिसमें रसोई के अपशिष्ट जल का उपयोग करके घर के पिछवाड़े में अपनी पसंद के फल और सब्जियां उगाई जा सकती हैं, उसे रसोई उद्यान/किचन गार्डन माना जाता है। घर का पिछवाड़ा या चारों-ओर का क्षेत्र इसके लिए उपयुक्त स्थान माना जाता है जहाँ पानी के स्रोत होने के साथ साथ धूप अच्छी तरह से पहुँचती हो। पाँच-छ: सदस्यों वाले परिवार के लिए साल भर सब्जियाँ देने के लिए लगभग 200-250 मीटर2 जमीन पर्याप्त होती है। एक आयताकार भूखंड या भूमि गृह वाटिका हेतु ठीक माना जाता है। इस गृह वाटिका का मुख्य उद्देश्य आर्थिक लाभ न होकर परिवार के पोषण स्तर को बढ़ाना तथा घर में ही ताजे फल-सब्जी का उत्पादन करना होता है। फल एवं सब्जियों का चयन परिवार के सदस्यों की इच्छा अनुसार किया जाता है और फसल चक्र अपनाया जाता है तदानुसार फल-फूल एवं सब्जी का उत्पादन किया जाता है। Not Available |
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Date |
2024-01-17T10:23:13Z
2024-01-17T10:23:13Z 2023-06-01 |
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Type |
Article
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Identifier |
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Not Available http://krishi.icar.gov.in/jspui/handle/123456789/81258 |
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Language |
Hindi
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Relation |
Not Available;
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Publisher |
कृषि किरण (कृषि एवं शुष्क पारिस्थितिकी अनुसंधान सोसायटी), बीकानेर
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